नवरात्रि में कलश के ऊपर क्यों रखा जाता है नारियल??
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कलश की स्थापना पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्य है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सफलता के द्वार खुलते हैं और पूजा को पूर्ण माना जाता है. नवरात्री में कलश स्थापना का विशेष विधान होता है. श्रीफल कहे जाने वाले नारियल को नवरात्रि में कलश पर रखकर पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के आधार पर एक बार भगवान विष्णु पृथ्वी पर प्रकट हुए और अपने साथ माता लक्ष्मी, कामधेनु गाय और नारियल का वृक्ष साथ लेकर आए. मान्यतानुसार नारियल का फल माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों को ही खूब पसंद था इसलिए भी इसका नाम माता लक्ष्मी के नाम पर श्री यानी श्रीफल रखा गया.
वहीं, नारियल को बृहस्पति ग्रह से जोड़कर देखा जाता है. यह वह ग्रह है जिसे धार्मिक मान्यताओं में घर की समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. इसलिए भी जब पूजा-पाठ किया जाता है तो मान्यतानुसार भगवान बृहस्पति की कृपा पाने के लिए कलश के ऊपर नारियल रखा जाता हैं.
हिंदु धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिदेव कहा जाता है. कहते हैं कि नारियल की तीन आंखें त्रिदेव (Tridev) का चिन्ह् होती हैं. मान्यतानुसार नारियल में त्रिदेव का वास होता है. इसलिए जब भी कोई पूजा होती है या कोई शुभ कार्य होता है तो नारियल लाया जाता है और कलश के ऊपर रखा जाता है.
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