अबू सलेम ने आजमगढ़ की गलियों से निकल मुम्बई में कायम की बादशाहत,कोर्ट नहीं दे सकती सजा ए मौत

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डॉन अबू सलेम
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खलनायक सीरीज में हम बात करेंगे आज एक ऐसे डॉन की जो दाउद के लिए फिल्मी हस्तियों से रंगदारी वसूलता था,जिसने दस करोड़ की रंगदारी नहीं देने पर कैसेट किंग कहलाने वाले गुलशन कुमार की हत्या करवा दी। वह डॉन जिसने अभिनेता संजय दत्त को एके-47 मुहैया कराई थी। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से निकल कर मुम्बई में अपराध का साम्राज्य चलाने वाले अबू सलेम की………आजमगढ़ में सरायमीर गांव का रहने वाला अबू सलेम अस्सी के दशक में करीब 20 साल की उम्र में काम की तलाश में मुम्बई आ गया उसने वहां टैक्सी चलाने और कपड़े बेचने का काम किया। जल्द ही उसकी जान-पहचान दाऊद इब्राहिम के गिरोह के लोगों से हो गई। दाऊद के छोटे भाई अनीस ने उसे अपना ड्राइवर रख लिया। दाऊद की डी कम्पनी स्मगलिंग के अलावा जबरन उगाही भी करती थी। दाउद का नाम लेकर अनीस और छोटा शकील वसूली के लिए बिल्डरों, बड़े व्यापारियों और फिल्मकारों को धमकी भरे फोन करते थे। जो प्रोटेक्शन मनी देने से इन्कार करता उसे गोलियों से भून दिया जाता था। इसके अलावा दाऊद गिरोह अपने दुश्मन गिरोह के सदस्यों पर भी फायरिंग करवाता था। इस काम के लिए शूटरों की जरूरत पड़ती थी। अबू सलेम आजमगढ़ से ऐसे युवक डी कंपनी के लिए मुहैया कराता था जिनका मुंबई पुलिस के पास कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। यह शूटर पांच-दस हजार रूपये के लिए भी गोली चलाने के लिये तैयार थे। इसी खूबी की वजह से दाऊद गिरोह में अबू सलेम का कद बड़ी ही तेजी से बढ़ा। दाऊद ने उसे फिल्मी हस्तियों से वसूली की जिम्मेदारी सौंप दी। अबू सलेम 12 मार्च 1993 कि मुंबई सीरियल बम कांड इस साजिश में भी शामिल था। बम कांड के बाद शहर में फिर दंगे भड़कने की उम्मीद थी। उन दंगों में इस्तेमाल करने के लिए दाऊद ने बड़े पैमाने पर हथियारों का जखीरा मुंबई भिजवाया था। अनीस इब्राहिम के कहने पर उसी जखीरे में से अबू सलेम ने 3 AK-47 राइफल और रिवॉल्वर की डिलीवरी फिल्म स्टार संजय दत्त के बांद्रा स्थित घर में की थी। जब तक मुंबई पुलिस पूरी साजिश का खुलासा कर पाती तब तक सलेम दुबई भाग चुका था। मुंबई पुलिस ने इस मामले में टाडा के तहत संजय दत्त को गिरफ्तार किया था। दुबई में दाऊद के साथ काम करते-करते अबू सलेम बिना दाउद के नाम का इस्तेमाल किए खुद ही फिल्म स्टारों से वसूली करने लगा। इस बीच अगस्त 1997 मे टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की मुंबई के ओशिवारा इलाके में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने उन्हें 16 गोलियां मारी थी। मुंबई पुलिस का कहना था कि हत्या अबू सलेम ने करवाई थी। अबू सलेम की तरफ से गुलशन कुमार से दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिसे लेकर गुलशन कुमार ने इनकार करते हुए डॉन को झिड़क दिया और कहा कि इतने पैसे से मैं वैष्णो देवी में भंडारा करवा दूंगा। उसने गुलशन कुमार की हत्या बिना दाऊद इब्राहिम की जानकारी के करवाई थी। इस मामले से गुस्साए अनीस इब्राहिम ने दुबई में साथियों के साथ अबू सलेम के घर पर हमला कर दिया। अबू सलेम को पहले से ही इसकी भनक लग चुकी थी। इसलिए वह अनीस के आने से कुछ देर पहले ही दुबई से निकल भागा। जिसके बाद अबू सलेम अमेरिका और यूरोप के कई देशों में भटकता रहा और वहीं से अपना गिरोह को चलाता रहा। उसके इशारे पर मुंबई के मशहूर बिल्डर प्रदीप जैन की उनके दफ्तर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। उस पर अभिनेत्री मनीषा कोइराला के सेक्रेटरी अजीत दीवान को भी मरवाने का आरोप लगा। इस बीच अबू सलेम को बॉलीवुड की अभिनेत्री मोनिका बेदी से इश्क हो गया। उसने अपनी धार्मिक पहचान छुपा कर मोनिका बेदी से शादी कर ली। मोनिका उसकी दूसरी बीवी थी वो समीरा नाम की एक महिला के साथ पहले शादी कर चुका था जो अमेरिका में रहती थी। साल 2002 में उसे और मोनिका को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में स्थानीय पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से देश में रहने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। तीन साल तक चले मुकदमे के बाद नवंबर 2005 में उसे और मोनिका बेदी को प्रत्यर्पित करके सीबीआई मुंबई लाई। प्रत्यापर्ण की शर्तों के मुताबिक सलेम पर किसी भी मामले में दोष सिद्ध होने पर फांसी की सजा नहीं होगी ना ही उसे 25 साल से ज्यादा जेल की सजा नहीं सुनाई जा सकती। जिन 7 मामलों की लिस्ट सीबीआई ने पुर्तगाल की अदालत को सौंपी थी उनके अलावा किसी भी मामले में सलेम पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। अबू सलेम को बिल्डर प्रदीप जैन और मुंबई बमकांड के मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई फिलहाल वह जेल में सजा काट रहा है।

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