Diabetes Control: डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए वॉक करना बेहतर है या दौड़ना? जानें क्या कहती है स्टडी

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डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए रोजाना पैदल चलना बेहद फायदेमंद माना जाता है. वहीं अब नई रिसर्च में कहा गया है कि डायबिटीज के जोखिम को कम करने के सिर्फ वॉक करने की अवधि ही नहीं बल्कि आपके चलने की स्पीड कितनी है यह भी जरूरी है.

डायबिटीज दुनियाभर में एक गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम बनी हुई है. बुजुर्गों से लेकर व्यस्क, युवा और बच्चों तक करोड़ों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. जब कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित हो जाता है तो इसका कोई इलाज सटीक इलाज नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि वैज्ञानिक इस पर रिसर्च करते रहते हैं. ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने और डायबिटीज से बचने के लिए रोजाना सुबह-शाम या किसी भी समय कुछ समय पैदल चलना बेहद अच्छा माना जाता है. अब चलने की स्पीड और डायबिटीज के जोखिम को कम करने के कनेक्शन को लेकर नई रिसर्च की गई है.

संतुलित खानपान से लेकर रोजाना व्यायाम करने तक अच्छी आदतों को डेली रूटीन में अपनाकर डायबिटिक लोग भी हेल्दी रह सकते हैं. वहीं अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक, डायबिटीज से बचने के लिए रोजाना 10,000 कदम चलना सही रहता है. फिलहाल जानते हैं कि चलने की स्पीड का क्या है डायबिटीज के जोखिम को कम करने से कनेक्शन.

नॉर्मल वॉक या तेज स्पीड से चलना क्या है बेहतर?

ब्रिटिश जनरल स्पोर्ट्स मेडिसिन में छपी एक नई रिसर्च में कहा गया है कि सिर्फ सैर करने की अवधि (एक घंटा-दो घंटा) ही नहीं बल्कि चलने की स्पीड भी हेल्दी रहने और डायबिटीज से बचने के लिए बेहद जरूरी है. इस नई रिसर्च के मुताबिक, तेज चलने से टाइप 2 डायबिटीज के होने का खतरा करीब 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

डायबिटीज के जोखिम को लेकर क्या कहती है नई रिसर्च?

नई रिसर्च कहती हैं कि जिन लोगों के चलने की स्पीड तेज होती है उनमें उन लोगों के मुकाबले डायबिटीज होने का जोखिम 24 प्रतिशत तक कम होता है जो नॉर्मल स्पीड में कैजुअल तरीके से वॉक करते हैं. वहीं अगर आप अपने चलने की स्पीड को और ज्यादा बढ़ाते हैं तो इस मेटाबॉलिक डिसऑर्डर यानी डायबिटीज का जोखिम 39 प्रतिशत तक कम हो सकता है, यानी नॉर्मल सैर करने की बजाय अगर तेज गति से चला जाए तो यह और भी ज्यादा बेहतर है.

दिल की सेहत भी होती है बेहतर

डायबिटीज से बचने के लिए नॉर्मल वॉकिंग से ज्यादा बेहतर तेज स्पीड में चलना है. तेज चलने से हार्ट रेट बढ़ता है और शरीर में ऑक्सीजन के लेवल में सुधार होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी और मेटाबॉलिज्म को इंप्रूव करने में कारगर है. डायबिटिक लोगों के लिए यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में तो हेल्पफुल है ही, इसके साथ ही आपके दिल की सेहत अच्छी होती है और आप वेट को भी मेंटेन रख पाते हैं जो डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए बेहद जरूरी है.

डॉक्टर की सलाह है जरूरी

रिसर्च में कुछ लोगों पर किए गए परीक्षण के आधार पर निकले नतीजे बताए जाते हैं, इसलिए डेली रूटीन में कोई भी एक्सरसाइज आदि शामिल करने से पहले अपनी मेडिकल कंडीशन के हिसाब से डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें.

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