कैसे करें नवरात्रि का हवन? जानें विधि, सामग्री और मंत्र

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नवरात्रि के दिनों में जिस प्रकार कन्या पूजा का महत्व है उसी तरह हवन भी नवरा​त्रि व्रत का प्रमुख भाग है. इसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवन करने से नवग्रह, देवी और देवताओं को उनसा अंश प्राप्त होता है. जानते हैं कि नवरात्रि का हवन कब करें? हवन की विधि, हवन सामग्री और मंत्र क्या है?

शारदीय नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती हैं. इसमें नवदुर्गा के प्रिय भोग, फूल, मंत्र आदि का उपयोग करते हैं. इसमें कन्या पूजा भी की जाती है. कन्या पूजा की तरह हवन भी नवरा​त्रि व्रत का प्रमुख भाग है. इसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवन करने से नवग्रह, व देवी प्रसन्न होती हैं और सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है ।

नवरात्रि हवन कैसे करें?

पूजा करने के बाद हवन की तैयारी करें. इसके लिए एक वेदी बनाएं और उस पर हवन कुंड रखें. फिर एक बड़े बर्तन में हवन सामग्री को मिलकार रख लें. कुश के आसन पर बैठें और सिर पर रुमाल या तौलिया रख लें. अब हवन कुंड में सबसे पहले गोबर की उप्पलों के बीच में कपूर रखें. आम, चंदन आदि की सूखी लकड़ियों को रखकर आग जलाएं.फिर मंत्रोच्चार करते हुए हवन सामग्री से आहुति देना प्रारंभ करें.

हवन करने का मंत्र
ओम आग्नेय नम: स्वाहा,
ओम गणेशाय नम: स्वाहा,
ओम गौरियाय नम: स्वाहा,
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा,
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा,
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा,
ओम हनुमते नम: स्वाहा,
ओम भैरवाय नम: स्वाहा,
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा,
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा,
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा,
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा,
ओम शिवाय नम: स्वाहा.

ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा.

ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा.

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