मानव शरीर में धड़केगा आईआईटी कानपुर का कृत्रिम ह्रदय

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देश में हृदय रोगियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। कई बार हृदय रोगियों को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। अक्सर महंगी तकनीक और डोनर के उपलब्ध न होने की वजह से ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता। और पीड़ित को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए आईआईटी कानपुर के आर्टिफिशियल हार्ट विकसित किया है। जिससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी। IIT कानपुर में तैयार कृत्रिम हृदय का जल्द एनिमल ट्रायल शुरू होगा। यह कृत्रिम हृदय टाइटेनियम धातु से बनाया गया है।

आईआईआईटी कानपुर द्वारा विकसित किए गए यंत्र का नाम ह्रदययंत्र है। इसका डिज़ाइन जापानी मेग्लेव ट्रेन की तकनीक से प्रेरित है, जिसमें पंप की सतह रक्त के सीधे संपर्क में नहीं आती। इससे रक्त के थक्के जमने और लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने का खतरा कम होता है। यह कृत्रिम हृदय न केवल हार्ट ट्रांसप्लांट को आसान और सस्ता बनाएगा, बल्कि उन मरीजों के लिए भी जीवन रक्षक साबित हो सकता है जो डोनर की कमी या महंगे इलाज के कारण उपचार नहीं करा पाते। इसका मुख्य लक्ष्य वर्तमान में उपलब्ध कृत्रिम हृदयों का बहुत अधिक किफायती विकल्प बनाना है। जिससे यह बड़ी आबादी के लिए सुलभ हो सके।


दरअसल यह अंतिम चरण के हार्ट फेल्योर वाले रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा। यह एक लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी) है, जिसे हृदय के पंपिंग कार्य में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कृत्रिम ह्रदय आईआईटी कानपुर की इंजीनियरिंग और चिकित्सा विशेषज्ञता के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। एनीमल ट्रायल इसके विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है, जल्द ही बकरियों पर परीक्षण शुरू किया जाएगा। पशु परीक्षणों में सफलता के बाद इसका मानव परीक्षण किया जाएगा। विदेशों में मिलने वाले कृत्रिम ह्रदय की कीमत एक करोड़ से भी अधिक है। आईआईटी कानपुर और हैदराबाद अस्पताल के डॉक्टर की टीम ने सस्ते कृत्रिम ह्रदय पर शोध शुरू किया है जिसकी अधिकतम कीमत 10 लाख रूपये होगी। आईआईटी कानपुर ने इसका प्रोटोटाइप डेवलप करने में सफलता हासिल की है। जिसके बाद अब एनिमल ट्रायल के लिए मंजूरी के बाद इसका ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।


इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे आईआईटी कानपुर के अभिषेक कुमार का कहना है कि यह डिवाइस हार्ट को पम्पिंग में मदद करता है। इसे लेफ्ट वेंटिकुलर एसिस्ट डिवाइस कहा जाता है जिसे सामान्य तौर पर कृत्रिम ह्रदय कहते हैं। इसका प्रोटाइप तैयार हो चुका है जल्द ही इसका एनीमल ट्रायल शुरू होने वाला है। यह डिवाइस उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जिन्हें हार्ट ट्रान्सप्लांट की जरूरत है। भारत में यह पहला प्रोडक्ट है जो आईआईटी कानपुर विकसित कर रहा है।

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