हिंदू नववर्ष के पहले दिन ही हुई थी सृष्टि की रचना,बहुत खास है चैत्र का पहला दिन
हिन्दू नववर्ष की शुरूआत चैत्र माह के पहले दिन से होती है। हिंदू नववर्ष का इतिहास बहुत ही पुराना है। यह दिन अपने आप में बहुत खास है। दरअसल इसी दिन सृष्टि की रचना हुई थी। इसलिए सभी हिन्दुओं के लिए यह दिन बेहद खास होता है। नए साल के साथ नही उमंग और नए उत्साह संग नए संकल्प लिए जाते हैं।
जानिए क्यों है खास चैत्र का महीना
1- अरब छियानबे करोड़ आठ लाख तिरपन हजार एक सौ चौबीस साल पहले आज ही के दिन ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना की थी। आज के ही दिन ब्रम्हांण अस्तित्व में आया था।
2-चैत्र के पहला दिन ही विक्रमी संवत का भी पहला दिन होता है। जिसकी शुरूआत 2080 साल पहले हुई थी। सम्राट विक्रमादित्य ने 2080 साल पहले अपने राज्य की स्थापना की थी जिसमें न कोई चोर था न ही कोई भिखारी।
3- लंका विजय के बाद भगवान श्री राम जब अयोध्या लौटे तो आज के ही दिन उनका राज्याभिषेक हुआ था।
4- चैत्र माह के पहले दिन से ही शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र शुरू होता है।
5-महर्षि दयानंद सरस्वती ने आज ही दिन आर्य समाज की स्थापना की थी।
6- यहा शालिवान संवत्सर का भी पहला दिन है। विक्रमादित्य की तरह ही शालिवाहन ने शको को परास्त कर भारत में श्रेष्ठतम राज्य की स्थापना के लिए इसी दिन को चुना था।
7-चैत्र का पहला दिन ही युगाब्द संवत्सर का भी पहला दिन है इसी दिन युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था।
चैत्र से ही पतझड़ खत्म होता है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।