किरदार: संजय गांधी की वह हसीन दोस्त जिसने करवा दी थी 13 हजार लोगों की नसबंदी
इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी के कई फैसले विवाद में रहें जिनमें सबसे अहम है नसबंदी का फैसला। जिसके चलते पूरे देश में अभियान चला कर न केवल बाल बच्चे वाले पुरुषों की बल्कि कुवांरो की भी नसबंदी करी दी गई। उस समय प्रधानमंत्री भले ही इंदिरा गांधी थीं लेकिन हुकूमत संजय गांधी की चलती थी। संजय की गांधी की एक खास महिला मित्र थी जिनका नाम था रुखसाना सुलताना। इमरजेंसी के दौर में ग्लैमर गर्ल कही जाने वाली रुखसाना को संजय गांधी ने मुस्लिमों की नसबंदी की जिम्मेदारी दी थी। कहा जाता है कि रुखसाना ने दिल्ली की जामिया मस्जिद के आस पास रहने वाले तकरीबन 13 हजार लोगों की नसबंदी करवा दी गई थी। जिसके लिए उन्हें 84 हजार रुपए का इनाम भी दिया गया था। रुखसाना का रसूक ऐसा था कि कहा जाता है कि उस समय मैडम प्राइम मिनिस्टर के बाद वह ही ऐसी महिला थी जिससे ब्यूरोक्रेट्स भी डरते थे। संजय गांधी से उनकी नजदीकी न केवल इंदिरा गांधी को परेशान करती थी बल्कि संजय की पत्नी मेनक गांधी को भी खटकती थी।
संजय गांधी से दोस्ती के अलावा रुखसाना सुल्ताना की एक और बड़ी पहचान थी। रुखसाना की मां जरीना सुल्ताना तत्कालीन फिल्म अभिनेत्री बेगम पारा की सगी बहन थी। इसके अलावा उनकी बेटी अमृता सिंह भी बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रही हैं, जिन्होंने अभिनेता सैफ अली खान के साथ शादी की थी। रुखसाना ने शिविंदर सिंह विर्क के साथ शादी की थी और दोनों की बेटी अमृता सिंह के पैदा होने के बाद तलाक हो गया था। तलाक के बाद रुखसाना ने दिल्ली में एक ज्वेलरी बुटीक खोला था और यहीं पर पहली बार उनकी मुलाकात संजय गांधी के साथ हुई थी। उन्हें इमरजेंसी के दौरान ग्लैमर गर्ल भी कहा जाने लग गया था। इतना ही नहीं 24 अकबर रोड किताब की माने तो रुखसाना सुल्ताना से नजदीकियां बढ़ाने के चलते संजय गांधी का पत्नी मेनका गांधी से काफी विवाद होने लगा। हालांकि इसके बावजूद रुखसाना सुल्ताना के रुतबे में कोई भी कमी नहीं आई। रुखसाना सुल्ताना की पहचान वैसे तो एक समाज सेविका के तौर पर थी, लेकिन बाद में संजय गांधी से करीबी ही उनकी खास पहचान बन गई।
संजय गांधी को लगता था कि देश की अधिकांश समस्याओं की जड़ बढ़ती हुई जनसंख्या है। जिस पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने बिना सोचे समझे सख्त नसबंदी कार्यक्रम चलाया था। नसबंदी कार्यक्रम में संजय गांधी रुखसाना सुल्ताना से सलाह लेकर ही फैसले लेते थे। तब रुखसाना सुल्ताना को दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके जामा मस्जिद में लोगों की नसबंदी कराने और अवैध निर्माण हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे लेकर खूब विवाद हुआ था। बताया जाता है कि रुकसाना ने एक साल में 13 हजार लोगों की नसबंदी करवाई थी। जिसमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग थे। उस दौर में रुखसाना सुल्ताना को देख कर दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रहने वाले लोग उन्हें देख कर छिप जाया करते थे। जुलाई 1976 में रुखसाना सुल्ताना ने दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में कई दुकानों को ध्वस्त कराया था, तब बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया। पुलिस ने विरोध करने पर भीड़ पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और गोलियां चलाई थी तो कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद कांग्रेस में ही रुखसाना सुल्ताना का विरोध होने लगा था, लेकिन संजय गांधी ने सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया था।