विटामिन डी की कमी से हो रही ये बीमारियां, जानिए किन चीजों से शरीर को भरपूर मात्रा में मिलेगा विटामिन डी…..

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These diseases are occurring due to deficiency of Vitamin D, know from which things the body will get Vitamin D in abundance…..

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डेली की दौड़-भाग भरी जिंदगी में लोग खुद के लिए बहुत कम समय निकाल पाते हैं। इस वजह से कहीं न कहीं हेल्थ को लेकर कई लापरवाही होने लगती हैं। बिजी लाइफस्टाइल में व्यक्ति न तो ढंग से सो पाता है, न ही समय से खा पाता है और न ही रेगुलर एक्सरसाइज करता है जो कि हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यही वजह है कि आजकल लोग ज्यादा बीमार होते हैं।

शरीर में कहीं भी दर्द, सूजन होती है तो नॉर्मली पेनकिलर या बाम लगाकर उसे कुछ समय के लिए ठीक कर लेते हैं। और जांच करने पर पता चलता है की उसमे विटामिन डी की कमी है। विटामिन डी, जो कि शरीर के लिए एक बहुत जरूरी विटामिन है। ऐसे में आज की खबर में जानेंगे कि विटामिन डी की कमी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं, किन वजहों से शरीर में विटामिन की कमी होती है, शरीर में विटामिन की कमी से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
आपको बता दे कि विटामिन डी हमारे शरीर को हेल्दी रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी यह मदद करता है।

इसके साथ यह जानना भी जरुरी है कि विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है, जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। विटामिन डी फैट में घुल जाने वाले विटामिन के ग्रुप में आता है। यह शरीर में कैल्शियम और फास्फेट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए, तो शरीर सूखा रोग से ग्रस्त हो जाता है। इसे रिकेट्स के नाम से भी जानते हैं।

सूरज की रोशनी में शरीर कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी को प्रोड्यूस करता है इसलिए इसे सनशाइन विटामिन कहते हैं। विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेने से बच्चों के साथ-साथ आपको भी अपने डेली के कामों के लिए एनर्जी मिलती है।

एक्सपर्टस के अनुसार पर्याप्त धूप के साथ रोजाना 400 IU (10 ग्राम) विटामिन डी लेने से आपकी सेहत बनी रहती है। विटामिन डी दो तरह के होते हैं- विटामिन D2 : इसे एग्रो कैल्सी फेरोल कहते

हैं। विटामिन D2 व्यक्ति के शरीर में नहीं होता है। यह विटामिन पौधों से प्राप्त किया जा सकता है। इस विटामिन को पौधे सूरज की पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में बनाते हैं।

विटामिन D3: इसे कोलेकैल्सिफेरॉल कहते हैं। इस विटामिन का निर्माण व्यक्ति के शरीर में ही होता है। यह मनुष्य द्वारा सूरज की किरणों से रिएक्ट होने बनता है।

विटामिन डी की कमी आमतौर पर न्यूट्रिशन की कमी है जो हर तीसरे इंसान में देखी जा सकती हैं। इन लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा देखी गई है जैसे-

जो ज्यादातर बंद जगहों में रहते हैं। जिन्हें खुली हवा और धूप नहीं मिल पाती है।

  • जो लोग डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, मक्खन, घी बिल्कुल नहीं खाते हैं।
  • जो लोग बीमारी की वजह से बाहर नहीं निकल पाते या नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं
    इसके साथ ही बुजुर्गों प्रेग्नेंट महिलाओं और बाईपास सर्जरी करवाने वाले लोगों में विटामिन डी की कमी होती है। 15 साल से कम उम्र के बच्चों में विटामिन डी की कमी रहती है।
    असल में धूल और पॉल्यूशन से स्किन पर बुरा असर पड़ता है। इससे स्किन डल और डैमेज हो जाती है। लेकिन जब आप 10 से 20 मिनट तक सुबह की पहली धूप में बैठते हैं। तो इससे विटामिन डी शरीर में बनता है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। इससे स्किन पर ग्लो बना रहता है।
  • विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए धूप में किस समय और कितनी देर के लिए बैठना चाहिए?
  • इसके लिए बताया गया कि सुबह 8 बजे के आसपास धूप में बैठना सबसे अच्छा होता है। इस समय प्रदूषण भी कम होता है। 30 से 45 मिनट धूप में बैठना चाहिए। धूप में बैठते हुए ध्यान रहे कि स्किन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा खुला रहे। खुली बांह के कपड़े पहन सकते हैं। बिना सॉक्स और कैप के धूप में बैठे।
  • सूरज की तरफ पीठ करके बैठना चाहिए। सनस्क्रीन लगाना न भूलें। सूरज की धूप के अलावा विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए अगर ओवर वेट हैं, तो उसे कंट्रोल करना चाहिए। डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए। इससे अगर आप जल्दी-जल्दी बीमार पड़
  • अब बात आती है कि शरीर के लिए विटामिन डी क्यों जरूरी है?
  • विटामिन डी हमारे शरीर को हेल्दी रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में यह मदद करता है।

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