रामबाण हैं ये कांटेदार सजावटी पौधा,गंभीर रोगों के इलाज में इन स्थितियों में न करें प्रयोग

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डॉ. आर.वी.एन पांडेय ने बताया कि यह कमाल की औषधि है. जिसका उपयोग हर रोग में अलग-अलग प्रकार से किया जाता है. इसलिए बिना चिकित्सक से परामर्श लिए बिना इसका सेवन करना लाभकारी नहीं होता है. इस पौधे में विटामिन बी 6, विटामिन ए, के, सी, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम और मैंगनीज पाया जाता है

धरती एक से बढ़कर एक औषधियों का भंडार है जो किसी संजीवनी से कम नहीं है । आज हम बात करेंगे नागफनी पौधे की. इस पौधे का अधिकतर इस्तेमाल घर की सजावट के लिए किया जाता है । लेकिन आप ये शायद ही जानते होंगे कि इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है । यह औषधि जहां एक तरफ गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाती है तो वहीं शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती है ।

शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. आर.वी.एन पांडेय ने बताया कि नागफनी कमाल की औषधि है । जिसका उपयोग हर रोग में अलग-अलग प्रकार से किया जाता है । इसलिए बिना चिकित्सक से परामर्श लिए बिना इसका सेवन करना लाभकारी नहीं होता है । और नागफनी के पौधे में विटामिन बी 6, विटामिन ए, के, सी, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है ।

इन रोगों में उपयोगी है नागफनी का पौधा
डॉ. पांडेय बताते हैं कि हमारे प्राचीनतम विधा में इन तमाम वन औषधियों का विशेष महत्व है. नागफनी बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है । और यह पुराने से पुराने बुखार और श्वास के रोग में बहुत उपयोगी है. इसको शास्त्रीय विधि से प्रयोग किया जाता है. हमारे शरीर के सुरक्षा के लिए यह नाग के फन को फैला कर बैठी रहती है जो हमें रोगों से बचाती है । और इसके प्रयोग करने का तरीका तमाम है. यह दर्द, खांसी, पेट के रोग, जोड़ों का सूजन और दर्द, भूख की समस्या, आंखों की लाली, चर्म रोग, घाव, जलन और पीलिया में बहुत ही उपयोगी है. एक तरह से कहा जाए तो यह संजीवनी से भी कम नहीं है. इसके पत्ते यानी कांटे फूल और फल बहुत उपयोगी हैं. इसका प्रयोग हम चूर्ण, रस या टैबलेट के रूप में कर सकते हैं. कभी भी इसका इस्तेमाल बिना चिकित्सक के परामर्श नहीं करना चाहिए ।

ये है नागफनी के साइड इफेक्ट्स
01 – इसके ज्यादा सेवन से ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित होने के कारण हाइपोग्लाइमिक की संभावना बन जाती है ।
02 – किसी भी सर्जरी से पहले इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए.
03 – उल्ट-दस्त की संभावना.
04 – इसके प्रयोग करने की सही विधि जानकारी न होने के कारण एलर्जी की भी शिकायत हो सकती है.
05 – किडनी, स्टोन और कैल्शियम की समस्या बढ़ने की भी संभावना रहती है.
इस औषधि का बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए आयुर्वेद चिकित्सक का परामर्श बेहद जरूरी होता है.

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