अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करने से बदल जाएगा जीवन,दूर होगा तनाव

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ग्रहों और तारों को जीवन में बहुत गहरा प्रभाव होता है। नवग्रहों की शांति के लिए रत्न और अलग-अलग धातुओं के छल्ले पहनने की सलाह दी जाती है। चांदी का छल्ला विधि विधान से हाथ के अंगूठे में धारण करने से जीवन में सुख-संपन्नता आती है। चांदी धातु मुख्य रूप से चंद्रमा से संबंधित होती है। चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं हाथ के अंगूठे मे चांदी का छल्ला पहनने से शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है। इसी वजह से चांदी का छल्ला पहनने से दोनों ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोने चांदी से बने आभूषण कुंडली के ग्रह-नक्षत्रों पर गहरा असर डालते हैं। बता दें कि चांदी का संबंध शुक्र और चंद्रमा से माना जाता है। चांदी को लेकर ऐसी मान्यता है कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुई है। ऐसे में जहां चांदी होती है वहां भगवान शिव का वास रहता है और धन वैभव व संपन्नता आती है। चांदी का छल्ला धारण करने के लिए इस बिना जोड़ का बनवाना चाहिए। चांदी का छल्ला धारण करने के लिए सोमवार और शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। विधि की बात की जाए तो बता दें कि चांदी का छल्ला धारण करने से पहले इस दूध और गंगाजल मिश्रित पानी में डाल दें। फिर शुक्र ग्रह और चंद्रमा का कोई मंत्र बोलकर इसे भगवान को छुआ कर धारण कर लें।

वहीं ज्योतिष शास्त्र की मानें तो चांदी का छल्ला कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसके अलावा वृष और तुला राशि के लोग भी चांदी का छल्ला धारण कर सकते हैं लेकिन आपको ये बता दें कि मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों को गलती से भी चांदी का छल्ला नहीं पहनना चाहिए।

अगर आप पूरे विधि विधान के साथ दाहिने हाथ की छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी धारण करते हैं तो इससे शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ फल देते हैं। जिसके चलते आपको जीवन में तमाम सुख प्राप्त होते हैं। इतना ही नहीं इसे धारण करने से आपका मस्तिष्क शांत रहता है और गुस्सा दूर होता है।

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